26 जनवरी गणतंत्र दिवस 2022 - infoadda007

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26 जनवरी 2022 गणतंत्र दिवस भारत का राष्ट्रीय त्यौहार। 

26 जनवरी गणतंत्र दिवस भारत: गणतंत्र दिवस भारत का एक राष्ट्रीय त्योहार है जिसे प्रति वर्ष 26 जनवरी को बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है इस दिन भारत के प्रधानमंत्री देश की राजधानी दिल्ली के लाल किले पर राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं। 26 जनवरी के दिन 1950 को भारत सरकार अधिनियम (1935) को हटाकर भारत का संविधान लागू किया था और 26 जनवरी 1950 लोकतांत्रिक सरकार प्रणाली में भी लागू हुआ था। 

26 तारीख इसी लिए चुनी गई क्योंकि 1930 के दिन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने भारत को पूर्ण स्वराज घोषित किया था। जो भारत के तीन राष्ट्रीय अवकाश में से एक था। बाकी के बचे दो जिन्हें, स्वतंत्र दिवस और गांधी जयंती के नाम से जाना जाता है।

गणतंत्र दिवस को भारत में बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है इस दिन भारत की राजधानी दिल्ली को दुल्हन की तरह सजाया जाता है। गणतंत्र दिवस भारत में इसीलिए बनाया जाता है क्योंकि हमारे भारत को अंग्रेजों से आजाद कराने में जितने भी लोगों का बलिदान लगा उन सब को श्रद्धांजलि देने के लिए उनसे प्रेरणा लेने के लिए यह त्यौहार मनाया जाता है। 

 

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गणतंत्र दिवस भारत को आजाद कराने में किसी एक आदमी का हाथ नहीं था, बल्कि भारत को आजाद कराने के लिए नेताजी सुभाष चंद्र बोस, भगत सिंह और गांधी जयंती जैसे महान पुरुषों की वजह से आजाद हुआ था। 


गणतंत्र दिवस का मुख्य उद्देश्य। 

गणतंत्र दिवस 26 जनवरी 1950 को पूरे 2 साल 11 महीने 18 दिन में बना कर इस संविधान को लागू किया था और इस दिन भारत को पूर्ण रूप से गणतंत्र घोषित किया गया था। 

गणतंत्र दिवस का मुख्य उद्देश्य यह है इस दिन हमारे उन महान पुरुषों के बलिदान को याद करके उनसे प्रेरणा लेते हैं। जिन्होंने भारत को अपनी जान की बाजी लगाकर आजाद किया था। 

भारत को आजाद कराने के लिए कई महान पुरुषों ने अपनी जान गवाई थी। कई बहनों की मांग सुनी हुई थी, तो कई मां के लाल गुजरे थे। भारत को आजाद कराने के लिए लाखों आदमियों ने अपना बलिदान दिया था और 26 जनवरी को महान पुरुषों को श्रद्धांजलि देने के लिए यह त्यौहार मनाया जाता है। 


गणतंत्र दिवस का इतिहास। 

सन 1929 के दिसंबर में लाहौर में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की बैठक पंडित जवाहरलाल नेहरू के अध्यक्षता में हुई थी। जिसमें प्रस्ताव पारित किया गया था कि यदि अंग्रेज 26 जनवरी 1930 तक भारत की डोमिनियन का पद नहीं प्रदान करेगी। जिसके तहत ब्रिटिश साम्राज्य में ही भारत एक स्वशासी इकाई बन गया, उस दिन भारत की पूर्ण स्वतंत्रता के संकल्प की घोषणा की और अपना सक्रिय आंदोलन शुरू किया।

उस दिन 1947 को स्वतंत्रता प्राप्त होने तक 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जा रहा था। परंतु वास्तविक दिन 15 अगस्त को भारत में स्वतंत्रता दिवस के रूप में स्वीकार किया गया। 

अब आप जो इतिहास जानेंगे वह बड़ा ही आश्चर्यचकित रहा था। 

स्वतंत्र होने के बाद संविधान सभा की घोषणा की गई जिसे 9 दिसंबर 1947 को आरंभ कर दिया था। उसके बाद संविधान सभा के सदस्यों को चुना गया और सदस्यों को उसी तरह चुना गया जिस तरह भारत में राज्यों की सभाओं को चुना जाता है। 

संविधान सभा के प्रमुख सदस्य जिनमें डॉ. भीमराव अंबेडकर, पंडित जवाहरलाल नेहरू, डॉ राजेंद्र प्रसाद, सरदार बल्लभ भाई पटेल, मौलाना अब्दुल कलाम संविधान सभा के प्रमुख सदस्य थे। संविधान सभा का निर्माण करने में केवल 22 समितियां थी। सबसे प्रमुख और महत्वपूर्ण जिसे प्रारूप समिति के रूप में जाना जाता है और प्राडॉ. भीमराव अंबेडकर समिति के अंतर्गत थे। 

प्रारूप समिति और उसमें विशेष रूप से डॉ. भीमराव अंबेडकर ने संविधान सभा को 2 वर्ष 11 महीने 18 दिन भारतीय संविधान का निर्माण करने में किया था। संविधान सभा के अध्यक्ष में डॉ. राजेंद्र प्रसाद 26 नवंबर 1949 सविधान सुपुर्द किया। 

26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में पूरे भारत में मनाया जाता है और संविधान दिवस बैठक में 114 दिन थे। जिस बैठक में जनता और प्रेस का आना स्वतंत्र रूप से शामिल था। अनेक सुधारो और इसमें किए बदलावों के बाद 284 सदस्य ने 24 जनवरी 1950 को संविधान की 2 हस्तलिखित कॉपियों पर हस्ताक्षर किए थे और 2 दिन बाद ही 26 जनवरी 1950 को संविधान को पूरे स्वतंत्रता के साथ भारत में लागू किया गया था। 

15 अगस्त 1947 को भारत को आजाद कराने में भारत के हजारों देशभक्तों ने बलिदान के बाद भारत अंग्रेजों के शासन से मुक्त हुआ था। उसके बाद 26 जनवरी 1950 को अपने देश भारतीय शासन और कानून व्यवस्था लागू की गई थी। '

भारत को अंग्रेजों के चंगुल से छुड़ाने के लिए कितनी मां की गोद सूनी हुई थी, कितनी औरतों की मांग सुनी हुयी थी, और कितनी बहनों के भाई इस बलिदान में शामिल थे। परंतु भारत के महान पुरुषों ने अपने देश को आजाद कराने के लिए अपनी जान को कुछ ना समझ कर देश को आजाद करा दिया। हम गणतंत्र दिवस को उन्हीं महान पुरुषों को श्रद्धांजलि देने के लिए इस त्यौहार को मनाते हैं इसे स्कूलों, कॉलेजों और सरकारी दफ्तरों में भी आयोजित किए जाते हैं। 


गणतंत्र दिवस समारोह। 

जैसा कि आप सभी जानते हैं कि गणतंत्र दिवस भारत के राष्ट्रीय त्योहार है। जिसे पूरा भारत बड़े ही धूमधाम के साथ उन श्रद्धांजलि उसके लिए 2 मिनट का मौन व्रत रखते हैं। उनके इस बलिदान को अपनी प्रेरणा बनाते हैं और शपथ लेते हैं कि हम अपने भारत को आजाद रखेंगे। 

26 जनवरी 2022 को भारत 73 वां गणतंत्र दिवस स्वतंत्रता के साथ बना रहा है और आगे भी इसी तरह बनाता रहेगा। जिस दिन भारत अंग्रेजों का चंगुल से आजाद हुआ था उसके बाद भारत में पहली बार डॉ. राजेंद्र प्रसाद भारत के प्रथम प्रधानमंत्री ने 21 तोपों की सलामी के साथ भारतीय राष्ट्रीय ध्वज फेहराया था। 

2014 में गणतंत्र दिवस को महाराष्ट्र सरकार के प्रोटोकॉल विभाग ने पहली बार मुंबई के मरीन ड्राइव परेड को आयोजित किया था। जो हर वर्ष भारत की राजधानी दिल्ली में आयोजित की जाती है। लाल किले पर परेड आयोजित की जाती है जिसमें वायु सेना, जल सेना और थल सेना तीनों ही भाग लेते हैं और एक प्रोग्राम आयोजित किया जाता है। जिसमें कई प्रकार की झांकियां निकाली जाती हैं और इसी प्रकार गणतंत्र दिवस को भारत में बड़ी ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। 

भारत को आजाद कराने में बहुत से लोगों की जान गई थी उनके बलिदान को बेकार न जाने दें। अपने भारत को स्वतंत्र बनाए रखें और हर वर्ष इन त्यौहारों को बड़े ही धूमधाम के साथ अपने घर, दोस्तों और परिवारों में मनाते रहे। हम आप सभी से आशा करते हैं कि आपने 26 जनवरी गणतंत्र दिवस जो कि भारत में स्वतंत्र रूप से बनाया जाता है।  का आपने भरपूर आनंद लिया होगा। 

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