Netaji Subhas Chandra Bose Jayanti, 23 जनवरी 2022 को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती मनाई जा रही है। नेताजी सुभाष चंद्र बोस की अदम्य भावना और निस्वार्थ सेवा को सम्मान देने और याद रखने के लिए भारत सरकार ने देश के सभी नागरिकों को विशेष रूप से युवाओं को प्रेरित करने के लिए हर साल 23 जनवरी को उनके जन्मदिन को " पराक्रम दिवस " के रूप में मनाने का फैसला किया है और हम आशा भी करते हैं कि आप सभी इस दिन को बड़े ही धूम-धाम से मनाई ।
नेता जी सुभाष चंद्र बोस का जन्म और जन्म भूमि।
हमारे नेताजी सुभाष चंद्र बोस जी का जन्म 13 जनवरी 1897 में ओडिशा के कटक में एक बंगाली परिवार में उनका जन्म हुआ था। भारत के स्वतंत्रता संग्राम में सुभाष चंद्र बोस को सबसे अहम भूमिका के रूप में जाने जाता हैं। नेताजी सुभाष चंद्र बोस का एक नारा जो आज भी बहुत ही ज्यादा लोकप्रिय है " तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा " यह नारा आज भी हर भारतीय युवाओं के बीच काफी लोकप्रिय है। यह नारा अभी भी अस्तित्व है और आगे भी रहेगा।
नेता जी सुभाष चंद्र बोस जयंती 2022 उत्सव धूम-धाम से बनाना।
नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती है पूरे देश में बड़े उत्सव के साथ मनाई जाती है और विशेष रूप से पश्चिम बंगाल में इसे पूरे सम्मान के साथ उत्सव मनाया जाता है। इसके लिए विशेष परेड आयोजित की जाती है और हमारे सुभाष चंद्र बोस नेताजी सुभाष चंद्र बोस के बारे में लोगों को जागरूक भी किया जाता है। क्योंकि भारत की आजादी में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका के लिए कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। जिससे लोगों के अंदर अपने देश के लिए एक भावना उत्पन्न होती है क्योंकि जिस प्रकार हमारे नेताजी सुभाष चंद्र बोस सिंह ने अपनी जान पर खेलकर पूरे भारत को आजाद करवाया था। उसी प्रकार उनके लिए जगह-जगह पर श्रद्धांजलि भी आयोजित की जाती है।
नेता जी सुभाष चंद्र बोस आजाद हिंद फौज की स्थापना।
सुभाष चंद्र बोस ने अंग्रेजों से लड़ने और भारत को 29 सेना शासन से मुक्त कराने के लिए एक भारतीय राष्ट्रीय सेना की स्थापना की जिसे " आजाद हिंद फौज " के नाम से भी जाना जाता है। आजाद हिंद फौज की स्थापना जापान के सहयोग से की गई थी। आजाद हिंद फौज में 85000 सैनिक शामिल थे और इस सेनानी उनके ग्रुप में एक महिला यूनिट भी थी जिसकी कैप्टन लक्ष्मी स्वामीनाथन थी।
नेता जी सुभाष चंद्र बोस ने क्या किया था।
जैसा कि आप सभी जानते हैं कि भारत के स्वतंत्रता संग्राम के अग्रणी तथा वह सबसे बड़े नेता थे और दूसरे विश्व युद्ध के दौरान उन्होंने आजाद हिंद फौज की स्थापना जापान के सहयोग से की थी सुभाष चंद्र बोस के द्वारा दिया गया। जय हिंद का नारा भारत का एक राष्ट्रीय नारा बन गया है और " तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा " का नारा भी सुभाष चंद्र बोस का था। जो उस समय अत्यधिक प्रचलन में था और आज भी है और आगे भी रहेगा और सभी भारतवासी उन्हें नेताजी के नाम से संबोधित करते हैं।
सुभाष चंद्र बोस जी के बारे में एक और आश्चर्यचकित बात यह है। कि जब उन्होंने जापान और जर्मनी से सहायता की का प्रयास किया था। तो उस समय ब्रिटिश सरकार ने अपने गुप्त चोरों को 1941 में सुभाष चंद्र बोस को खत्म करने का आदेश दे दिया था।
नेता जी सुभाष चंद्र बोस आजाद का निधन ४८ वर्ष में।
नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी 1897 को हुआ और 18 अगस्त 1945 को उनका निधन हुआ था। सुभाष चंद्र बोस जी अपने पूरे जीवन काल में 11 बार जेल गए थे और उनके घर में कुल 14 भाई बहन थे। जिनमें से 6 बेटियां थी 8 पुत्र पैदा हुए थे और सुभाष चंद्र बोस जी नौवीं संतान और उनके पांचवें पुत्र थे। जब उनका निधन हुआ था तब उनकी उम्र महज 48 साल थी। उनके निधन पर काफी विवाद हुआ था।